29 जनवरी – 1984 दंगो पर SIT की मांग
अरविन्द केजरीवाल ने आज उपराज्यपाल से मुलाकात कर 1984 में हुए सिख विरोधी दंगो के लिए SIT द्वारा जाँच करवाने की मांग की. उपराज्यपाल ने इसपर विचार करने तथा प्रधानमंत्री को इस बारे में अवगत कराये जाने का आश्वासन दिया.
भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने आपातकाल के दौरान जून 1984 में स्वर्ण मंदिर में छुपे खालिस्तानी आतंकियों को मार गिराने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार किया था. इंदिराजी के अंगरक्षक बेअंत सिंह ने इसके बाद 31 अक्तूबर को गोलियों से भुन कर इंदिरा जी हत्या कर दी. इसके तुरंत बाद देश के कई हिस्सों में सिख विरोधी दंगे हुए जिनमे 8000 सीखो का कत्लेआम हुआ. इन दंगो के लिए कई कांग्रेस नेताओ को जिम्मेदार माना जाता रहा है. सीबीआई के अनुसार इन दंगो में दिल्ली पुलिस और तत्कालीन केंद्र सरकार के कई अधिकारी भी लिप्त है.
इसके बाद इन दंगो की जाँच के लिए कई कमेटिया बनी – मारवाह कमीशन, मिश्रा कमीशन, कपूर मित्तल कमीशन, जैन बैनर्जी कमिटी, पोट्टी रोषा कमिटी, जैन अग्गरवाल कमिटी, आहूजा कमिटी, ढिल्लों कमिटी, नरूला कमिटी, नानावटी कमिटी ऐसी अनगिनत कमिटियो के बावजूद 30 सालो बाद भी 8000 सीखो के कत्लेआम का सच जनता के सामने नहीं आया.
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी द्वारा सार्वजनिक तौर पर 1984 के दंगो में कुछ कांग्रेसी नेताओ के लिप्त होने की बात कहे जाने पर यह मांग की गई. बीजेपी की सहयोगी पार्टी अकाली दल ने भी इस तरह की मांग की. लेकिन केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने 6 माह बाद भी दिल्ली सरकार की इस मांग पर SIT गठित करने के बजाय केंद्र सरकार ने SIT की आवश्यकता है या नहीं यह जांचने के लिए एक कमिटी बना दी.